छत्तीसगढ़ में पहली बार चलाया गया सबसे शक्तिशाली स्वदेशी डब्लयूएजी-12 रेल इंजन
कांकेर, 4 फ़रवरी (हि.स.)। रेलवे के विद्युतीकरण के शताब्दी वर्ष पर कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर-अंतागढ़ रेल खंड पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने पहली बार भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली स्वदेशी इंजन डब्लयूएजी-12 को भानुप्रतापपुर में शुरू किया गया है।
इस शक्तिशाली रेल इंजन की बदौलत रेलवे कम समय में भिलाई स्टील प्लांट को ज्यादा लौह अयस्क की आपूर्ति कर पाएगा।
इस अवसर पर मौजूद रायपुर रेल मण्डल के एडीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि, यह डब्लयूएजी-12 इंजन पूरी तरह से स्वदेशी है। यह दुनिया का सबसे ताकतवर थ्री फेस से चलने वाला ट्विन सेक्शन इंजन है। इस इंजन की क्षमता 6000 मीट्रिक टन भार खींचने की है। इस इंजन का इस्तेमाल रावघाट से भिलाई स्टील प्लांट तक ले जाए जाने वाले लाैह अयस्क की ढुलाई में होगा। एक खेप में होने वाली ज्यादा ढुलाई से समय और ऊर्जा की खर्च के साथ-साथ भिलाई स्टील प्लांट को कम समय में अधिक लौह अयस्क मिलेगा।