पूर्व मिस इंडिया वर्ल्ड पूजा चोपड़ा की नई वेब सीरीज ‘खाकी: द बंगाल चैप्टर’ हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई। इस सीरीज को लेकर पूजा चोपड़ा ने दैनिक भास्कर से बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब वह पैदा हुई थीं, तो उनके पिता ने उनकी मां से कहा था कि उन्हें मार दें, लेकिन उनकी मां ने ऐसा नहीं किया। पूजा ने अपनी मां का आभार जताते हुए कहा कि आज वे अपनी मां का नाम रोशन कर रही हैं।
सीरीज में अपने किरदार के बारे में पूजा चोपड़ा ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका किरदार एक आधुनिक और स्वतंत्र लड़की का है, जो बहुत बुद्धिमान है। पूजा ने यह भी बताया कि नीरज पांडेय के साथ उनका पहले भी काम हो चुका है, जिसमें पहली बार उन्होंने शॉर्ट फिल्म ‘आउस’ में काम किया था। जब पूजा को ‘खाकी: द बंगाल चैप्टर’ के लिए कॉल आया, तब वह थाईलैंड में अपने जन्मदिन का जश्न मना रही थीं। कास्टिंग डायरेक्टर ने उन्हें बताया कि यह नीरज पांडेय का प्रोजेक्ट है और उन्हें ऑडिशन देने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे पहले से ही उनके काम को जानते हैं।
पूजा ने किरदार के चयन को लेकर जाने-अनजाने अपनी प्राथमिकताओं के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी कोई निश्चित योजना नहीं है और वह विभिन्न प्रकार के रोलों के लिए हमेशा खुली हैं, बशर्ते कहानी उन्हें पसंद आए। इसके साथ ही, पूजा ने अपने करियर में चुनौतीपूर्ण समय का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि Miss India के खिताब के बाद भी उन्हें ऑडिशन देने पड़े। उनका मानना है कि आज की ऑडियंस बहुत समझदार है और यदि आप अच्छा प्रदर्शन नहीं देते हैं, तो दर्शक आपको भुला सकते हैं।
पूजा चोपड़ा ने अपेक्षाओं और सपनों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि उन्हें कई अच्छे प्रस्ताव मिलते हैं, लेकिन वह केवल उन पात्रों को ही चुनती हैं जिनके लिए उनका दिल काम करता है। उन्होंने कई फिल्मों का जिक्र किया जिनमें उन्होंने अच्छी कहानियों के कारण काम किया। पूजा ने यह भी बताया कि वह भारतीय फिल्म उद्योग में एक बाहरी व्यक्ति हैं और खुद को साबित करने के लिए कभी-कभी डायरेक्टर्स को मैसेज करके काम मांगती हैं। उनकी सोच है कि उन्होंने अपने करियर में जो कुछ भी हासिल किया है, वह अपने मेहनत और प्रतिभा के बल पर ही किया है।
पूजा की व्यक्तिगत कहानी भी प्रेरणादायक है। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने उनकी मां से कहा था कि उन्हें अनाथालय छोड़ दिया जाए, लेकिन उनकी मां ने ऐसा नहीं किया। आज पूजा अपनी मां का नाम रोशन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और समाज के प्रति भी अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने की कोशिश कर रही हैं। पूजा चोपड़ा नन्हीं कली जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिए बच्चों की शिक्षा और विकास के लिए प्रयास कर रही हैं।
अंत में, पूजा चॉपड़ा इस बात पर जोर देती हैं कि उनका करियर उनकी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी बताते हुए, अपनी मां के प्रति आभार व्यक्त किया और कहती हैं कि आज वह अपनी मां के लिए गर्व का कारण बन चुकी हैं। उनका यह दृष्टिकोण निश्चित रूप से न केवल उनके करियर में बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रेरणा देता है।