**अलावलपुर में गैर-संक्रामक रोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया स्क्रीनिंग अभियान**
अलावलपुर जिला अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग द्वारा गैर-संक्रामक रोगों की पहचान के लक्ष्य से एक विस्तृत स्क्रीनिंग अभियान का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, शनिवार को जिले के 18 विभिन्न स्थानों पर स्क्रीनिंग कैंप लगाए गए। इन कैंपों में 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों की शुगर, उच्च रक्तचाप (बीपी) और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जांच की गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि बीमारियों का पता चले और उन पर समय से उपचार शुरू किया जा सके।
इस स्क्रीनिंग अभियान की देखरेख डॉ. राज कुमार ने की, जिनकी देखरेख में 500 से ज्यादा लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। अलावलपुर में लगाए गए एक कैंप के दौरान उपस्थित लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों से अवगत कराने के लिए बीईई चंदन मिश्रा ने विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 30 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी स्वास्थ्य जांच करनी चाहिए, ताकि किसी संभावित बीमारी की जल्द पहचान हो सके और त्वरित इलाज की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
बीईई चंदन मिश्रा ने अवगत कराया कि कुछ संकेत, जैसे बार-बार प्यास लगना, थकावट महसूस करना, शरीर में खुजली होना और बार-बार पेशाब आना, शुगर के लक्षण हो सकते हैं। इस प्रकार के लक्षणों के होने पर शुगर की जांच को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने आम जन को सलाह दी कि गैर-संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना आवश्यक है। इसके लिए, उन्होंने कम मीठे, नमकीन और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन करने, और नियमित रूप से व्यायाम और योग करने का सुझाव दिया, ताकि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सके।
इस अभियान के दौरान, समुदाय के स्वास्थ्य सहायकों जैसे कि सीएचओ कमलप्रीत कौर, नीलम रानी और अन्य चिकित्सा पेशेवर उपस्थित रहे। साथ ही, पिम्स के डॉक्टर और स्माइल फाउंडेशन की डॉक्टर कंचन तथा प्रोजेक्ट संयोजक हिमांशू भी इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बने। इस तरह की गतिविधियों से यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग समुदाय को सूचित और जागरूक करने के लिए प्रतिबद्ध है, और वे स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए लोगों की मदद करने में तत्पर हैं।
इस प्रकार, अलावलपुर का यह प्रारंभिक स्क्रीनिंग अभियान न केवल लोगों के स्वास्थ्य के प्रति सजगता बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि जिन लोगों को उपचार की आवश्यकता है, उन्हें समय पर उचित चिकित्सा प्राप्त हो सके। ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके और स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा विस्तारित हो सके।