पंजाब बजट: ड्रग्स और इंडस्ट्री पर फोकस, महिलाओं को ₹1100 सुविधा देना चुनौतीपूर्ण!

पंजाब सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक विशाल बजट प्रस्तावित कर रही है, जिसका अनुमानित आकार लगभग 2.15 लाख करोड़ रुपए है। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 5% अधिक है। आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के लिए यह बजट अब तक का सबसे बड़ा रहेगा और इसमें मुख्य ध्यान कृषि, उद्योग, नशारहित पंजाब निर्माण और किसानों के कल्याण पर रहेगा। राज्य सरकार ने 20,000 युवाओं को रोजगार देने की योजना बनाई है, लेकिन महिलाओं के लिए 1,100 रुपए की मासिक सहायता की गारंटी में देरी होने की संभावना है। इसकी कारण आर्थिक दबाव है, क्योंकि सरकार पहले ही चार महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू कर चुकी है, और ऐसे में नई योजनाओं के लिए आवश्यक संसाधन जुटाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

बजट के संदर्भ में कृषि और उद्योग क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने की माध्यमिक योजनाएं भी हैं। कृषि के बजट में 5% की वृद्धि संभावित है जिससे किसानों की स्थिति में सुधार लाने की उम्मीद है। उद्योग विस्तार के लिए, सरकार निवेश आकर्षित करने की रणनीति पर काम कर रही है, जबकि नशामुक्ति अभियान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी सुधारों की उम्मीद जताई जा रही है, जिसमें नए मेडिकल कॉलेज और शिक्षा में सुधार योजनाएं शामिल हैं।

पंजाब सरकार ने पहले ही नशामुक्ति के लिए पहल की है, जिसमें 529 ओओएटी क्लीनिक और 306 पुनर्वास केंद्रों का स्थापित किया गया है। नशामुक्ति के लिए सरकार ने एक त्रिस्तरीय रणनीति बनाई है, जिसमें युवाओं को खेलों से जोड़ने, रोजगार के अवसर प्रदान करने और नशा तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई शामिल है। इसके अलावा, नशे के शिकार युवाओं के लिए पुनर्वास की योजनाएं भी तैयार की गई हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि अगले बजट में नशामुक्ति के प्रयासों के लिए पर्याप्त वित्त जुटाने पर जोर रहेगा।

इंडस्ट्री के क्षेत्र में भी पंजाब सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है, खासकर पिछले किसानों के आंदोलन के प्रभावों को देखते हुए। उद्योग की स्थिति को सुधारने के लिए, सरकार ने पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन की स्थापना की है ताकि उद्यमियों को 16 दिनों के अंदर सभी आवश्यक प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए जा सकें। इसके अलावा, विद्युत दरों में राहत की भी उम्मीद जताई जा रही है, ताकि उद्योगों को और भी प्रोत्साहन मिल सके।

सरकार की योजनाओं में कर्मचारी भर्ती और अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम भी शामिल हैं। करीब 20,000 नौकरियों की पेशकश की जा रही है, जिससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, ई-बसों की खरीद के लिए बजट में प्रावधान किए जाएंगे, जिससे सार्वजनिक परिवहन को सशक्त किया जा सकेगा। हालांकि, महिलाओं को 1,100 रुपए मासिक देने की योजना में अनिश्चितता बनी हुई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान पर इस वादे को पूरा करने के लिए राजनीतिक और आर्थिक दबाव है, खासकर जब दूसरे राज्यों में इसी तरह की योजनाएं लागू हो रही हैं।

सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से संभावित चुनौतियों का सामना करते हुए, पंजाब सरकार के लिए इस बजट को प्रभावी ढंग से लागू करना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। यदि 1,100 रुपए की योजना को इस वर्ष प्रभावी किया जाता है, तो यह संभवतः अन्य योजनाओं में कटौती का कारण बन सकता है। इस प्रकार, पंजाब सरकार को संतुलन बनाए रखने के लिए स्पष्ट और प्रभावी रणनीतियाँ विकसित करनी होंगी।