64 लाख की ठगी: नकली CBI अफसर बना, पुलिस के जाल में फंसा!

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में एक रिटायर्ड बैंककर्मी से नकली सीबीआई अधिकारी बनकर 64 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम चंचल कुमार है, जिसे स्थानीय लोगों के बीच विक्की के नाम से जाना जाता है। आरोपी लुधियाना के जगरांव का निवासी है और उसने बुजुर्ग को एक डिजिटल कॉल के माध्यम से ठगी का शिकार बनाया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसे रिमांड पर लिया जाएगा और पुलिस अब उसके अन्य सहयोगियों की पहचान में जुटी है।

घटना के अनुसार, कुरुक्षेत्र के विद्या सागर को 14 नवंबर को एक फोन कॉल प्राप्त हुई। कॉल करने वाला व्यक्ति खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बताकर बुजुर्ग को डरा रहा था। उसने बताया कि उनके नाम पर मलेशिया से ड्रग्स का एक पार्सल पकड़ाया गया है। उसने यह भी कहा कि अगर वे दो घंटे के भीतर बॉम्बे पुलिस में आत्मसमर्पण नहीं करते, तो उन्हें 5 साल की जेल और 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इस दबाव में उन्होंने बातचीत को आगे बढ़ाया और आरोपित ने एक व्यक्ति से बात करवाई, जिसने खुद को सीबीआई के चीफ अनिल यादव बताकर और भी धमकाया।

इस बातचीत के दौरान, कॉल करने वाले ने बुजुर्ग से उनकी और उनकी पत्नी की बैंक डिटेल्स, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और अन्य खातों की जानकारी मांगी। शिकार को बताया गया कि उनके खिलाफ दो ड्रग्स मामले दर्ज हैं, जिससे वह घबराई हुई स्थिति में आ गया। इसके बाद, दबाव के चलते बुजुर्ग ने अपनी FD तुड़वा कर और अन्य सोर्सों से कुल 64 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। आरोपी ने लगातार रकम की मांग की, जिससे बुजुर्ग को शक हुआ और बाद में उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस द्वारा मामले की जांच के दौरान, चंचल कुमार की गिरफ्तारी की गई। उसकी बैंक खाते में 10 लाख रुपए की एंट्री हुई थी, जिसे उन्होंने अपने आढ़ती को चेक के माध्यम से ट्रांसफर कर दिया था। इस घटना ने एक बार फिर से साइबर धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती संख्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पुलिस अब चंचल के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह पहले भी इसी तरह की गतिविधियों में संलिप्त रहा है। इसके साथ ही, पुलिस उसके अन्य भागीदारों की तलाश में भी जुटी है, ताकि इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में और कठोर कार्रवाई की जा सके।