राज्यपाल ने सोलन में डॉ. अंबेडकर की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

राज्यपाल ने सोलन में डॉ. अंबेडकर की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की

सोलन, 14 अप्रैल (हि.स.)। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सोमवार को सोलन के कला केंद्र में सामाजिक दलित पीड़ित उत्थान संस्थान द्वारा भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर की जयंती राष्ट्र के लिए उनके उल्लेखनीय योगदान के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता थे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक दस्तावेज के माध्यम से न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि सब कुछ बदल सकता है, लेकिन भारतीय संविधान की प्रस्तावना अपरिवर्तित रहेगी।

शुक्ल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन संदेश प्रत्येक समुदाय या वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जो गरीबों और दलितों के अधिकारों और उत्थान के लिए सदैव समर्पित रहे। शिक्षा, संघर्ष और एकता के लिए उनका आह्वान आज भी अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि शिक्षित होकर ही हम संघर्ष के लिए तैयार हो सकते हैं और संघर्ष से ही समाज में बदलाव आ सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि अपने शुरुआती जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना करने और संविधान का मसौदा तैयार करने के बाद भी डॉ. अंबेडकर को लगातार प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनकी दृढ़ता ने उन्हें संसद तक पहुंचाया और सामाजिक न्याय के मसीहा के रूप में इतिहास के पन्नों में दर्ज किया। डॉ. अंबेडकर के विचारों की सार्वभौमिकता पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर दो महान व्यक्त्वि हैं जिनके विचारों का अध्ययन और सम्मान न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में किया जाता है।

शुक्ल ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के लोगों से हिमाचल को सुंदर और नशामुक्त राज्य बनाने का आग्रह किया। उन्होंने महिलाओं से मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने की अपील की ताकि जमीनी स्तर पर नशे की मांग को शून्य किया जा सके।

—————