अजमेर दरगाह विवाद को लेकर चल रहे दावे की सुनवाई रोकने के लिए याचिका दायर

अजमेर दरगाह विवाद को लेकर चल रहे दावे की सुनवाई रोकने के लिए याचिका दायर

जयपुर, 17 अप्रैल (हि.स.)। अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर अजमेर की निचली अदालत में पेश दावे पर सुनवाई रोकने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान की ओर से दायर इस याचिका पर आज जस्टिस विनोद कुमार भारवानी ने एक सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता वागीश कुमार और आशीष कुमार सिंह ने बताया कि अजमेर की निचली अदालत में अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए वाद दायर किया गया है। वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को चुनौती देने वाली अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका में गत नवंबर माह में सभी अदालतों को आदेश दिए थे कि ऐसे किसी भी मामले में आदेश या कार्रवाई जारी नहीं रखी जाएगी, जिसमें पूजा स्थल या पुरातत्व विभाग से जांच कराने का मुद्दा जुडा हो। याचिकाकर्ता की ओर से इस आदेश की जानकारी गत दिसंबर माह में ही संबंधित अदालत को दी गई, लेकिन अदालत ने कार्रवाई नहीं रोकी। इसके बाद पुन: जनवरी माह में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निचली अदालत को अवगत कराया। इसके बावजूद भी निचली अदालत मामले में कार्रवाई जारी रख रही है। याचिका में यह भी कहा गया कि पूजा करने के अधिकार के मुद्दे पर सिविल कोर्ट को सुनवाई का अधिकार नहीं है। वहीं दावाकर्ता ने बहुत कम कोर्ट फीस के साथ दावा किया है। इसलिए निचली अदालत को मामले की सुनवाई करने से रोका जाए। वहीं केंद्र सरकार की ओर से एएसजी राजदीपक रस्तोगी ने कहा कि याचिकाकर्ता दावे में पक्षकार नहीं है। ऐसे में वह हाईकोर्ट में याचिका दायर नहीं कर सकती। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी है।

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