जयपुर में 14वीं मंजिल से कूदा व्यवसायी, सुसाइड नोट में RAS पर धमाकेदार आरोप!

जयपुर के बिंदायका थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ एक आर्किटेक्ट, भारत कुमार सैनी (42) ने अपनी 14वीं मंजिल से होश खोकर कूद कर आत्महत्या कर ली। इस आत्महत्या से एक दिन पूर्व, उन्होंने अपने फर्म के लेटर पैड पर एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने आरएएस से संबंधित कार्य के भुगतान न होने का आरोप लगाया है। यह घटना उस समय घटी जब वह अपने घर से बिना किसी को बताए निकले और सिरसी रोड पर स्थित एक रॉयल ग्रीन सोसाइटी अपार्टमेंट में गए।

भारत कुमार की पारिवारिक जीवन की स्थिति भी ध्यान देने योग्य है। वह अपने माता-पिता, पत्नी और दो छोटे बच्चों के साथ रहते थे। उन्होंने पिछले दस वर्षों से “गौरव डिजाइनिंग” नामक अपने बिजनेस के तहत काम किया था। घटना के दिन, भारत ने सुबह लगभग 9 बजे घर से निकला और 11 बजे अपार्टमेंट पहुंचकर आत्महत्या कर ली। जब सोसाइटी के लोगों ने एक बड़ी आवाज सुनी तो वे बाहर आए, तत्पश्चात उसे बालाजी हॉस्पिटल पहुँचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना की जानकारी मिलने पर बिंदायका पुलिस भी हॉस्पिटल पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।

सुसाइड नोट में भारत ने अपने वित्तीय संकट और संबंधित लोगों से मिली बेइज्जती का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि आरएएस मुक्ताराव के साथ उनकी बातचीत में साफ-साफ कहा गया था कि उनके काम का भुगतान नहीं किया जाएगा। भारत ने यह भी उल्लेख किया कि अपने वित्तीय संकट के चलते उन्हें अपने पत्नी के गहनों को गिरवी रखकर काम करना पड़ा। उन्होंने 39 लाख 60 हजार रुपये की एक परियोजना पूरी की, लेकिन केवल 21 लाख रुपये ही मिले और बाकी का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने अपनी स्थिति को अत्यंत बुरी बताते हुए कहा कि उन्हें अब इस कठिन समय में आत्महत्या का निर्णय लेना पड़ा।

भारत के पिता भानुप्रताप ने इस मामले में आरोप लगाया है कि उनके बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाया गया है। सुसाइड नोट को आधार बनाते हुए उन्होंने बिंदायका पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि जब उनके बेटे ने आरएएस मुक्ताराव से पैसे मांगे, तो उनले प्रतिक्रिया स्वरूप कहा कि “मेरी तरफ से आज क्या, अभी मर जा।” यह आरोप बिंदायका पुलिस ने गंभीरता से लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

इस बीच, आरएएस मुक्ताराव ने अपने बचाव में कहा कि भारत ने सभी शर्तों को स्वीकार किया था और कोई भी बकाया भुगतान नहीं रह गया था। उन्होंने इसे बदनाम करने और ब्लैकमेल करने के नियोजित प्रयास के रूप में बताया। यह मामला उन व्यापारियों के लिए भी एक चेतावनी है जो अपने आर्थिक संकट में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, और यह सुझाव देता है कि ऐसी परिस्थितियों में मानसिक दबाव को कम करने के प्रयास कैसे किए जा सकते हैं।

इस घटना ने समाज में एक गहरी चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें आत्महत्या के कारणों, मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय समस्याओं को देखने का एक नया दृष्टिकोण लाने की आवश्यकता है।