नई दिल्ली, 12 दिसंबर (हि.स.)। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पूर्ण रूप से निष्पक्ष है। सरकार का आयोग पर कोई दखल नहीं हैं। मोदी सरकार हमेशा संवैधानिक मूल्यों का पालन करती है।
मेघवाल मंगलवार को राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पद की अवधि) विधेयक, 2023 का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार चुनाव आयोग की निष्पक्षता के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि कांग्रेस अपने समय में जरूर चुनाव आयोग को मनमाने ढंग से चलाने की कोशिश की थी। कानून मंत्री ने कहा कि यह विधेयक चुनाव आयोग को मजबूत करेगा। यह संविधान की भावना के अनुरूप है। विधेयक चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तें और कार्य) कानून 1991 का स्थान लेगा। यह मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, वेतन और उन्हें पद से हटाने के बारे में है।
कानून मंत्री ने कहा कि विधेयक के प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति प्रवर समिति की सिफारिश पर की जाएगी। इस समिति में प्रधानमंत्री, एक केंद्रीय मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का नेता शामिल होगा। कानून के तहत सर्च कमेटी में परिवर्तन किया गया है।