प्रक्रिया के पहले चरण में तीन टावर आईआईटी जोधपुर को एक्सटेंशन कैंपस के लिए दिए जाएंगे जबकि शेष तीन टावरों का उपयोग शैक्षणिक कार्यों के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही हॉस्टल निर्माण के लिए 20 हजार वर्गमीटर जमीन भी आवंटित की जाएगी। यह जमीन कोचिंग हब के नजदीक ही तलाश कर उपलब्ध कराई जाएगी ताकि छात्रों को सुविधा मिल सके। कोचिंग हब पूरी तरह से तैयार कोचिंग हब पूरी तरह से तैयार है ऐसे में किसी अतिरिक्त लागत की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही किसी भी प्रकार की पूंजीगत या रेकरिंग लागत वहन नहीं की जाएगी, यानी सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपए की प्रस्तावित ग्रांट नहीं दी जाएगी। हाउसिंग बोर्ड ने आईआईटी जोधपुर को निर्देश दिया है कि वह केंद्र सरकार से अनुमति लेकर एक्सटेंशन कैंपस के संचालन की प्रक्रिया जल्द शुरू करें। माना जा रहा है कि इस निर्णय से जयपुर में उच्च तकनीकी शिक्षा को नया आयाम मिलेगा और कोचिंग हब का बेहतर उपयोग संभव हो सकेगा।