संघ द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2018 के उपरांत अब तक किसी भी प्रकार से नवीन पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है, जबकि शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद जिले में पदोन्नति कार्यवाही लंबित पड़ी है। अन्य जिलों में यह प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, संघ ने इस देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे कर्मचारियों में असंतोष, मानसिक दबाव और भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
संघ ने प्रशासन को समय-सीमा प्रदान करते हुए कहा है, कि यदि इस अवधि में पदोन्नति कार्यवाही प्रारंभ नहीं होती है, तो आंदोलनात्मक रूप अपनाया जाएगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। प्रशासन के ध्यान आकर्षण के लिए संघ के द्वारा 1 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय धरना का फैसला किया है। संघ ने अपील की है कि कर्मचारियों के हित एवं सेवाओं की निरंतरता को ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ की जाए ताकि लम्बे समय से प्रतीक्षारत कर्मचारियों को न्याय मिल सके।