अपने संबोधन में डॉ. सौमित्र सेठिया ने अंग एवं देहदान की आवश्यकता, उचित समय और प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति का अंगदान लगभग आठ लोगों का जीवन बचा सकता है। विशेष रूप से नेत्र प्रत्यारोपण से अंधत्व से पीड़ित व्यक्तियों को पुन: दृष्टि प्राप्त हो सकती है। साथ ही, देहदान से चिकित्सा महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानव शरीर रचना एवं रोग विज्ञान की गहन शिक्षा मिलती है, जो भविष्य की चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होती है। कार्यक्रम में चिकित्सा महाविद्यालय मंदसौर के इंटर्न्स द्वारा अंगदान के महत्व पर तैयार किया गया एक वीडियो भी प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों ने अंगदान की प्रतिज्ञा लेकर समाजहित में इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ. सन्तोष सिंह मालवीय, अशफाक हुसैन समेत एनएसएस स्वयंसेवक एवं राजनीति विज्ञान विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहें।
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