डॉ हर्षुल बोहरा फिलहाल मुंबई स्थित एशियन हार्ट हॉस्पिटल-बीकेसी में रेसीडेंट के रूप में कार्यरत है। डॉ बोहरा ने बताया कि उनका शोध हाल ही में एक 19 वर्षीय युवक के सीने से 13 सेंटीमीटर बड़ा दुर्लभ अग्र मीडियास्टिनल टेराटोमा सफलतापूर्वक निकाल कर ऑपरेट करने पर आधारित था।शोध में बताया गया कि युवक बीते कई महीनों से लगातार खांसी और सांस की तकलीफ से पीड़ित था। जांच में सामने आया कि उसके सीने में बड़ा ट्यूमर दिल और बड़ी नसों को दबा रहा है। एक्स-रे, सीटी स्कैन और कार्डियक एमआरआई से पुष्टि हुई कि यह ट्यूमर बेहद जटिल स्थिति में पहुंच चुका था। ऑपरेशन की चुनौतीपूर्ण सर्जरी में डॉ. बिपुल कुमार, डॉ. ऋषभ कपूर, डॉ. चिन्नाराज, डॉ. हर्षुल बोहरा, डॉ. प्रद्योत कुमार रथ और विभागाध्यक्ष डॉ. रमाकांत पांडा शामिल रहे। टीम ने सफलतापूर्वक ट्यूमर को हटा दिया। सर्जरी बिना किसी जटिलता के संपन्न हुई और मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मीडियास्टिनल टेराटोमा अत्यंत दुर्लभ होते हैं और सभी मीडियास्टिनल ट्यूमर में इनकी हिस्सेदारी महज़ 8 से 13 प्रतिशत होती है। इस सफल सर्जरी ने न केवल एक मरीज की जान बचाई बल्कि चिकित्सा विज्ञान में एक अहम उपलब्धि के रूप में दर्ज की गई।