स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि जनसंख्या संतुलन का यह मुद्दा केवल संभल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक समरसता से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे और रिपोर्ट में बताए गए तथ्यों की उच्च स्तरीय जांच कराए।
स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने यह भी कहा कि अगर समय रहते सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में हालात और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से भी अपील की कि वे जातीय सौहार्द और सांस्कृतिक धरोहर बचाए रखने में सहयोग करें।
उल्लेखनीय है कि न्यायिक आयोग की ओर से प्रस्तुत 450 पन्नों की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि आज़ादी से पहले संभल में हिंदू आबादी करीब 45% थी, जो अब घटकर लगभग 15% रह गई है। इस बदलाव को गंभीर मानते हुए विभिन्न संगठनों और संत समाज ने इसे जनसंख्या असंतुलन का परिणाम बताया है।