डॉ. सिंह ने साल 1847 में स्थापित इस संस्थान के दीक्षांत समारोह में कहा कि हाल ही में जारी राष्ट्रीय नवाचार ढांचा (एनआईएफ) रेटिंग में आईआईटी रुड़की देश में छठे स्थान पर रहा है, जो सभी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने आईआईटी रुड़की के 240 स्टार्टअप्स की तारीफ की, जो देश के 1.7 लाख स्टार्टअप्स का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि 50 फीसदी स्टार्टअप छोटे शहरों से उभर रहे हैं, जो अवसरों के लोकतंत्रीकरण को दर्शाता है। उन्होंने संस्थान के 9 उत्कृष्टता केंद्रों और आपदा जोखिम व स्थिरता पर काम की सराहना करते हुए कहा कि हिमालय में इसकी स्थिति इसे आपदा प्रबंधन और विकास में अहम बनाती है।
उन्होंने आईआईटी रुड़की को लगातार चौथे साल भारतीय उद्योग परिसंघ का सर्वाधिक नवोन्मेषी संस्थान पुरस्कार और एसटीईएम में महिलाओं की उत्कृष्टता के लिए गतिशक्ति अचीवर पुरस्कार मिलने पर बधाई भी दी। मंत्री ने निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत और उप निदेशक प्रो. यूपी सिंह के नेतृत्व की तारीफ की, जो संस्थान को शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता की ओर ले जा रहे हैं।
उन्होंने छात्रों से उद्योगों के साथ जल्दी जुड़ने और स्टार्टअप मानसिकता अपनाने पर जोर देते हुए कहा जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत में अवसरों का सबसे अच्छा समय है। इस कार्यक्रम में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी और छात्र मौजूद थे।
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