जल संसाधन विभाग के अनुसार, यदि जलभराव 92 प्रतिशत से अधिक होता है और आवक तेज बनी रहती है तो सुरक्षा कारणों से मिनीमाता बांगो बांध के जलद्वार (गेट) तीसरी बार खोले जा सकते हैं।
बांध से जल छोड़े जाने की स्थिति में हसदेव नदी व अन्य निचले क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ सकता है। इसके चलते नदी किनारे बसे गांवों के निवासियों, खनिज खदानों, ठेकेदारों और औद्योगिक इकाइयों को सावधानी बरतने की अपील की गई है। विभाग ने साफ किया है कि आकस्मिक बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल संसाधन विभाग जिम्मेदार नहीं होगा।
बाढ़ की संभावित चपेट में आने वाले गांवों में बांगो, चर्री, पोड़ी उपरोड़ा, कोकोकनान, लेपुरा, दुनियाकछार, गाड़ाघाट, पथरा, छिंमरई, कष्हार, कलमीपारा, सिलयारीपारा, जुनापारा, तिलकेझुंड, दुमापारा, छिर्रीपारा, मछलीबारा, कोरियाचप, झाबू, नवागांव, तिलसामाटा, लोहतारा, कोड़िया, हमरार, झोरा, सिरकिबोड़ा समेत 30 से अधिक गांव शामिल हैं।
धर्मेंद्र नीखरा, कार्यपालन अभियंता मिनीमाता बांगो बांध माचाडोली, कोरबा ने नागरिकों से सतर्क रहने और नदी किनारे अनावश्यक रूप से न जाने की अपील की है।