पाकिस्तान, चीन, ईरान, रूस ने अफगानिस्तान में आतंकी समूहों की मौजूदगी पर चिंता जताई

पाकिस्तान के जियो न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, यह बयान बैठक के समापन होते ही जारी किया गया। चारों देशों ने बिगड़ते अफगान हालात की समीक्षा की और चेतावनी दी कि आतंकवादी समूह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं। बयान में अफगान शासकों से आतंकवादी समूहों के खिलाफ प्रभावी कदम और इनके प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करने का आग्रह किया गया।

पाकिस्तान का आरोप है कि 2021 में तालिबान शासकों की अफगानिस्तान में वापसी के बाद सीमा पार से होने वाली आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हुई है। दोनों देश लगभग 2,500 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। इसमें कई क्रॉसिंग पॉइंट हैं। संयुक्त वक्तव्य में अफगानिस्तान को एक “स्वतंत्र, एकजुट और शांतिपूर्ण राज्य, आतंकवाद, युद्ध और नशीले पदार्थों से मुक्त” के रूप में समर्थन देने की पुष्टि की गई। चारों पक्षों ने अफीम की खेती को कम करने के काबुल के प्रयासों का स्वागत किया, लेकिन मेथामफेटामाइन जैसी सिंथेटिक दवाओं के बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त की।

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