डॉ. भरत तिवारी ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वह मूल ट्रस्ट के एकमात्र जीवित सदस्य हैं। पुराने मूल ट्रस्टियों की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों को ट्रस्ट में शामिल किया गया था, लेकिन उनके बारे में सम्पतियों को खुर्द-बुर्द करने की सूचना मिलने के बाद उन्होंने उन सभी को हटाकर नया ट्रस्ट गठित कर लिया है। जिसमें वह उनकी पत्नी, पुत्र व चार अन्य सदस्य बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि करीब दो सौ खसरों में ट्रस्ट की अरबों रुपये की सम्पतियों को बचाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कोरा देवी ट्रस्ट की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द करने के लम्बे समय से प्रयास चल रहे हैं। जिसके संबंध में न्यायालय में भी वाद विचाराधीन है।