उल्लेखनीय है कि ईडी ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई स्थित निवास से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम , 2002 के तहत हुई थी। ईडी की जांच एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले, जिनका उपयोग उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों और प्रोजेक्ट्स में किया। आरोप है कि उन्होंने ठेकेदारों को नकद भुगतान किया और त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलीभगत कर फ्लैट खरीद के नाम पर 5 करोड़ रुपये की रकम हासिल की।
इस मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अरुणपति त्रिपाठी और विधायक कवासी लखमा पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। फिलहाल मामले की जांच तेज़ी से जारी है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आज अदालत पहुंचे और अपने बेटे चैतन्य बघेल से मुलाकात की। चैतन्य बघेल और वकील से कोर्ट के फैसलों की जानकारी ली। बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने आज चैतन्य बघेल को अदालत में पेश किया, क्योंकि उनकी रिमांड आज समाप्त हो गई थी। उन्हें 13 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। चैतन्य बघेल ने अपनी जमानत के लिए याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।