शिविर में संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें बस्तर संभाग डॉ. महेश शांडिया, जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. व्ही. के. ठाकुर तथा पूरे आयोजन का मार्गदर्शन खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. ऋषभ साव उपस्थित रहे। शिविर का मुख्य उद्देश्य कुष्ठ रोगियों को आवश्यक सेवाएँ और उपचार उपलब्ध कराना था। इस दौरान उपस्थित 10 उपचाररत एवं अक्षमता वाले कुष्ठ मरीजों का विकृति सुधार हेतु महत्वपूर्ण जल-तेल उपचार किया गया। साथ ही शिविर में आए अनेक त्वचा रोग वाले मरीजों की भी जांच की गई, जिसमें एक बड़ी सफलता मिली। जांच के दौरान एक मरीज में कुष्ठ रोग की पुष्टि हुई, जिसे तत्काल उपचार प्रदान कर रोग से सम्बंधित आवश्यक जानकारी दी गई। तोकापाल में अक्षमता एवं विकृति सुधार हेतु प्रति सोमवार को नियमित रूप से जल-तेल उपचार शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसका लाभ मरीज उठा सकते हैं। शिविर को सफलतापूर्वक संपादित करने में कुष्ठ सहायक शिव नारायण पाण्डे, बीपीएम अल्का वैद्य, मलेरिया निरीक्षक सुदर्शन कश्यप एवं जगदलपुर से आए राजन माली तथा अन्य स्वास्थ्य अमले की महत्वपूर्ण और सराहनीय भूमिका रही। यह शिविर रजत जयंती वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाने के राज्य सरकार के संकल्प को दर्शाता है।