एनटीपीसी की सहायक इकाई और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के संयुक्त उद्यम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) ने अपनी प्रमुख विद्युत परियोजना (चरण-I, 3×800 मेगावाट) की यूनिट-1 का 72 घंटे का सफल ट्रायल ऑपरेशन को पूर्ण कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। यह सफलता झारखंड की विद्युत अवसंरचना को सुदृढ़ करने, राज्य की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने तथा भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं में सार्थक योगदान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना की नींव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से
25 मई 2018 को रखी गई थी। इस माइलस्टोन अवसर पर सीईओ एके सहगल, जीएम प्रोजेक्ट अनुपम मुखर्जी, जीएम ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस मनीष क्षेत्रपाल, जीएम प्रोजेक्ट विष्णु दत्ता दास, जीएम मेंटेनेंस ओ.पी. सोलंकी तथा जीएम टी एंड एस संगीता दास सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
झारखंड को मिलेगा विद्युत उत्पादन का 85 प्रतिशत : सीईओ
इस अवसर पर अपने संबोधन में सीईओ एके सहगल ने कहा कि पीवीयूएनएल झारखंड राज्य को अपनी कुल विद्युत उत्पादन का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि हमारे कर्मियों के अथक प्रयासों, झारखंड सरकार के सहयोग और सभी हितधारकों के समर्थन से ही संभव हो सकी है।
पीवीयूएनएल में नवीनतम उन्नत तकनीकों को अपनाया गया है। यह पूरी तरह से ड्राई ऐश यूटिलाइजेशन सिस्टम जो सर्कुलर इकॉनमी को प्रोत्साहित करता है। अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक जो कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करती है और एयर-कूल्ड कंडेंसर प्रणाली जो जल संरक्षण एवं सतत विकास सुनिश्चित करती है।
यूनिट एक का हुआ सफल ट्रायल ऑपरेशन
सीआई ने बताया कि यूनिट-एक के सफल ट्रायल ऑपरेशन की यह उपलब्धि पीवीयूएनएल, एनटीपीसी, झारखंड सरकार तथा सभी साझेदार संस्थाओं की सामूहिक प्रतिबद्धता और समन्वित प्रयासों का परिणाम है। जिसने राष्ट्र के लिए एक विश्वसनीय, पर्यावरण-अनुकूल और कुशल ऊर्जा तंत्र के निर्माण के लक्ष्य को एक नई दिशा प्रदान की है। परियोजना के पूर्ण रूप से चालू हो जाने पर 3×800 मेगावाट की यह परियोजना झारखंड राज्य में ऊर्जा की उपलब्धता और विश्वसनीयता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगी। जिससे राज्य के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास को नई गति प्राप्त होगी।