वोकल फॉर लोकल से पूरा होगा विकसित दिल्ली का लक्ष्य : रविंद्र इंद्राज

रविंद्र इंद्राज ने स्थानीय दुकानदारों से मिट्टी के दीपक, बर्तन और सजावटी वस्तुएं खरीदकर ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को प्रोत्साहित किया। उन्होंने ऑनलाइन भुगतान कर स्थानीय दुकानदारों से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” के आह्वान से देश में स्वदेशी उत्पादों और स्थानीय उद्योगों को नई पहचान मिली है।

मंत्री ने कारीगरों की परंपरागत कला, परिश्रम और सृजनशीलता की सराहना की और दिल्लीवासियों से भी स्थानीय कलाकारों और कारीगरों से खरीदारी करने का आग्रह किया ताकि इस दीवाली पर उनकी मेहनत और हुनर का सम्मान हो। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे प्रयासों से समाज की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, स्वदेशी उद्योगों और ‘मेक इन इंडिया’ को भी नई पहचान मिलेगी और विकसित दिल्ली का लक्ष्य भी पूरा होगा।

इस अवसर पर मंत्री ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से प्रजापति समाज को शुभकामनाएं दीं और कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। रविंद्र इंद्राज सिंह ने बताया कि सरकार प्रजापति समाज की मांग पर माटी कला बोर्ड के गठन पर भी विचार कर रही है, ताकि कुम्हार समाज के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कारीगरी केवल व्यवसाय नहीं, भारत की सांस्कृतिक पहचान भी है। हर शुभ कार्य को हम दीपक जलाकर ही शुरू करते हैं, कुम्हार समाज के लोग सृजनकर्ता हैं, यह उनका गौरव है।

मंत्री ने कहा कि मिट्टी से सोना और भगवान बनाने वाले प्रजापति समाज को पूर्ववर्ती सरकारों में सिर्फ उपेक्षा का सामना करना पड़ा, दिल्ली सरकार अब तकनीकी सहयोग और आवश्यक प्रोत्साहन के जरिए उनके समग्र विकास में सहयोग करेगी।