उत्तराखंड: डेढ़ दर्जन राजकीय महाविद्यालयों को मिले स्थाई प्राचार्य

राजकीय महाविद्यालयों में प्रशासनिक व शैक्षणिक गतिविधियों को मजबूत करने के दृष्टिगत राज्य सरकार तमाम प्रयास कर रही है। साथ ही महाविद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न रैंकिंग व नैक मूल्यांकन में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रशासनिक सुधार पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक महाविद्यालय में स्थाई प्राचार्य की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है।

इसी कड़ी में विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने डेढ़ दर्जन प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के पदोन्नति प्रस्ताव को अनुमोदित कर उन्हें स्नातक प्राचार्य पद पर पदोन्नति की मंजूरी दे दी है। इन सभी प्राचार्यों के पदोन्नति आदेश शासन स्तर से जारी कर दिये गये हैंं। साथ ही उन्हें नवीन तैनाती स्थल भी आवंटित कर दी गई हैं। जिसमें प्रीति त्रिवेदी को राजकीय महाविद्यालय पतलोट नैनीताल, सुरेश चन्द्र मंमगाई को पौखाल टिहरी गढ़वाल, डॉ. शैराज अहमद को तलवाड़ी चमोली, डीएन तिवारी को गरूड़ बागेश्वर, डॉ. बचीराम पंत को मंगलौर हरिद्वार, प्रणीता नंद को नरेन्द्रनगर टिहरी, डॉ. मृत्युंजय कुमार शर्मा को त्यूणी देहरादून, डॉ. सीमा चौधरी को गरूड़ाबांज अल्मोड़ा, पुष्कर सिंह बिष्ट को जसपुर ऊधमसिंह नगर, जयचन्द्र कुमार को काण्डा बागेश्वर, डॉ. अरविंद सिंह को उफरैंखाल पौड़ी, डॉ. मुकेश कुमार को नैनबाग टिहरी, डॉ. राधेश्याम गंगवार को थत्यूड़ टिहरी, डॉ. कमरूद्दीन लमगड़ा अल्मोड़ा, डॉ. कल्पनाथ सिंह यादव को नैनीडांडा पौड़ी, डॉ. विद्या शंकर शर्मा को घाट चमोली, डॉ. हरीश चन्द्र को कण्वघाटी कोटद्वार और डॉ. नर्वदेश्वर शुक्ल को राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल में स्नातक प्राचार्य के पद पर पदोन्नति की गई है।

विभाग ने इन सभी प्राचार्यां को एक सप्ताह के भीतर नवीन तैनाती स्थल पर अनिवार्य रूप से योगदान देने काे कहा है। जिसकी सूचना शासन को आवश्यक रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्राचार्यों की ओर से पदोन्नति का परित्याग करने पर फोरगो नियमावली के तहत उन पर कार्यवाही की जाएगी।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी व गुणवत्तापरक बनाने के लिए प्राचार्यों, शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कार्मिकों के रिक्त पदों को लगातार भरा जा रहा है। इसी क्रम में डेढ़ दर्जन महाविद्यालयों में स्थाई प्राचार्यों की तैनाती कर दी गई है। इससे महाविद्यालयों के प्रशासनिक कार्यों में तेजी आने के साथ-साथ शैक्षणिक गतिविधियों में भी गुणात्मक सुधार होगा।