इंदौरः जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, बेशकीमती शासकीय जमीन से हटाया गया अतिक्रमण

इंदौरः जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, बेशकीमती शासकीय जमीन से हटाया गया अतिक्रमण

इंदौर, 15 नवंबर (हि.स.)। इंदौर जिले में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशन में अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को बिलावली की एक बेशकीमती शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को जिला प्रशासन के अमले द्वारा हटाया गया। कलेक्टर के निर्देश अनुसार संपूर्ण इंदौर जिले में तालाबों के आसपास, ग्रीन बेल्ट की जमीन पर अथवा किसी शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई निरंतर जारी है।

एसडीएम घनश्याम धनगर ने बताया कि इसी अभियान के तहत बिलावली में शासकीय भूमि पर खसरा नंबर 77 पर अवैध रूप से अतिक्रमण करते हुए अतिक्रमण कर्ता हनी छावड़ा पति सुमित के द्वारा व्यावसायिक गतिविधि संचालित की जा रही थी। जिसमें उन्होंने गोदाम बनाकर करीब 10 से 15 ट्रक प्लाईवुड संग्रहित कर रखा था। राजस्व निरीक्षक और पटवारी की जांच के दौरान उक्त गोदाम शासकीय भूमि पर पाया गया, जिसमें राजस्व निरीक्षक और पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर विधिवत मध्य प्रदेश भूराजस्व संहिता की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। अतिक्रमण कर्ता को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए शासकीय पर अतिक्रमण होने के कारण बेदखली का आदेश पारित किया गया। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।

उन्होंने बताया कि अतिक्रमण कर्ता को सूचना पत्र जारी कर अतिक्रमण हटाने हेतु आदेशित किया गया था किंतु अतिक्रमण कर्ता द्वारा शासकीय भूमि पर से अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इसके बाद 14 नवंबर 2024 को राजस्व, पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची, किंतु अतिक्रमण कर्ता मौके पर उपस्थित नहीं हुए और निजी कार्य से शहर के बाहर होना बताया गया तथा 24 घंटे के अंदर गोदाम में रखे हुए उनके सामग्री को हटाने हेतु आग्रह किया गया। मौके पर अतिक्रमण कर्ता की ओर से उनके प्रतिनिधि उपस्थित हुए, जिनके द्वारा भी 24 घंटे के अंदर शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने हेतु कहा गया था, किंतु अतिक्रमण कर्ता द्वारा स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाया गया। जिसके फलस्वरूप आज 15 नवंबर 2024 को राजस्व, नगर निगम और पुलिस का संयुक्त दल मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण कर्ता को सामग्री हटाने हेतु कहा गया। अतिक्रमण कर्ता द्वारा 2 घंटे का समय मांगा गया, कार्रवाई सुबह 7 बजे प्रारंभ की गई एवं अतिक्रमण कर्ता को 10 बजे तक का समय सामग्री हटाने हेतु दिया गया। सुबह 10 बजे पुनः कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया गया। अतिक्रमण मुक्त की गई शासकीय भूमि की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है।