हिमाचल में एसएमसी शिक्षकों का 21 फरवरी से हड़ताल पर जाने का एलान, परीक्षाएं होंगी प्रभावित
शिमला, 4 फ़रवरी (हि.स.)। नियमितीकरण की मांग को लेकर एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) अध्यापकों ने राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। 21 फरवरी से एसएमसी अध्यापक सचिवालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। इस हड़ताल का असर बोर्ड परीक्षाओं पर भी पड़ सकता है।
एक साल बाद भी नियमितीकरण नहीं
एसएमसी अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने मंगलवार को शिमला में पत्रकार वार्ता कर कहा कि सरकार ने 7 मार्च 2024 को कैबिनेट में एलडीआर (लिमिटेड डायरेक्ट भर्ती) के माध्यम से एसएमसी अध्यापकों को नियमित करने की मंजूरी दी थी। लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद सरकार ने अभी तक एक भी अध्यापक को नियमित नहीं किया है। इससे प्रदेशभर के एसएमसी अध्यापक नाराज हैं।
सुनील शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनावों के समय बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन सत्ता में आने के बाद एसएमसी अध्यापकों की मांगों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कई बार शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगें रखी गईं लेकिन सरकार सिर्फ टालमटोल कर रही है।
सरकार को चेतावनी
एसएमसी अध्यापक संघ ने सरकार को 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। यदि इस तारीख तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेशभर में एमएससी अध्यापक हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके तहत न केवल कक्षाओं का बहिष्कार किया जाएगा बल्कि सचिवालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना भी दिया जाएगा।
एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं करती तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही हमें लाठियां खानी पड़ें या जेल जाना पड़े लेकिन हम अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
एसएमसी अध्यापक संघ ने दोहराया कि यदि सरकार जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की ही होगी। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बोर्ड परीक्षाओं पर असर की आशंका
बता दें कि एसएमसी अध्यापक प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं और उनकी हड़ताल से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ेगा। खासकर बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बन सकती है। राज्य के सरकारी स्कूलों में करीब तीन हज़ार एसएमसी शिक्षक सेवारत हैं।
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