उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ के तीन प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के लिए 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटन किया है। इस निवेश का उद्देश्य राज्य के इन शीर्ष सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं में सुधार करना है। नए उपकरणों की खरीद, नए भवनों का निर्माण और ज्यादा मरीजों को भर्ती करने की सुविधा बढ़ाई जाएगी। इसमें वेंटिलेटर, रोबोट और विभिन्न प्रकार की जांच मशीनों के साथ-साथ संसाधनों की वृद्धि भी शामिल होगी।
सूबे के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU को मरीजों के उपचार और शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने हेतु 1843.7 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। पिछले साल में वीडियो में 1760 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हुआ था। इस बार की योजना में निर्माण कार्यों पर 230 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ट्रॉमा सेंटर के सामने खाली स्थान पर एक डायग्नोस्टिक बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा, जहां सभी प्रकार की रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जांचें आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा, बोन मैरो ट्रांसप्लांट की शुरुआत के लिए उपकरण खरीदे जाएंगे जिससे मरीजों को बेहतर की सुविधाएं मिल सकें।
SGPGI को 1292 करोड़ रुपये का बजट मिला है, जिसमें 135 करोड़ रुपये से अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद की जाएगी। बजट से दो नई कैथ लैब स्थापित होंगी, जो दिल के मरीजों के लिए एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और बैलूनिंग जैसी प्रक्रियाएं करने में सक्षम होंगी। निदेशक डॉ. आरके धीमन ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर के लिए एक MRI मशीन भी लाई जाएगी, जिससे मरीजों को संस्थान के परिसर में ही जांच की सुविधाएं मिलेंगी।
लोहिया संस्थान को 1040 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 132 करोड़ रुपये अधिक है। निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने जानकारी दी कि यहां दूसरी पैट स्कैन मशीन और 20 नए वेंटिलेटर खरीदे जाएंगे, जिससे अधिक मरीजों की जांच की जा सकेगी। इसके अलावा, नए आधुनिक MRI मशीनों की खरीद भी प्रस्तावित है। इन उपकरणों के माध्यम से, अन्य अंगों की अनुवांशिक बीमारियों की पहचान में मदद मिलेगी, जो समय पर उपचार के लिए आवश्यक है।
लोहिया संस्थान में एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का निर्माण किया जाएगा और परिसर में नई चहारदीवारी का निर्माण किया जाएगा। नई थाना नदी के साथ-साथ पोर्टेबल सीटी स्कैन मशीन, फेफड़ों की जांच हेतु अल्ट्रासाउंड, और सी-आर्म मशीन भी खरीदी जाएगी। इसके अतिरिक्त, नए हॉस्टल, वार्ड और लैब के भवनों का निर्माण भी 예정 है, जिससे छात्र और चिकित्सा कर्मचारी सभी आवश्यक सुविधाओं का लाभ उठा सकें। यह विस्तार निश्चित रूप से प्रदेश की चिकित्सा सेवाओं को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।