कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलबीर जीरा पर HC में गंभीर आरोप: 12 नवंबर को सुनवाई

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में फिरोजपुर जिले के पूर्व कांग्रेस विधायक कुलबीर जीरा के खिलाफ एक महत्वपूर्ण याचिका दर्ज की गई है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि जीरा ने अदालत में गलत सूचनाएं देकर जमानत प्राप्त की। उच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करने के दौरान कुलबीर जीरा को नोटिस जारी किया और उन्हें 12 नवंबर तक अपना उत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है।

मामला असल में संपत्ति विवाद से जुड़ा हुआ है। याचिका दायर करने वाले गुरनाम सिंह का कहना है कि कुलबीर जीरा ने कोर्ट में अपनी जमानत याचिका में यह जानकारी दी थी कि उनके खिलाफ केवल एक एफआईआर दर्ज है। लेकिन याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि जीरा ने जानबूझकर यह तथ्य छिपाया कि उनके खिलाफ तीन और एफआईआर भी हैं। जिनमें से दो एफआईआर की पुलिस द्वारा कैंसिलेशन रिपोर्ट दी जा चुकी है, जबकि तीसरी एफआईआर की जांच अभी भी चल रही है। इस प्रकार की तथ्य छिपाने की क्रिया को न्यायालय के साथ धोखा माना गया है।

गर्नाम सिंह ने उच्च न्यायालय से यह अपील की है कि जीरा के खिलाफ अदालत द्वारा उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने न्यायालय को बताया कि जीरा की गलत जानकारी देने की कार्रवाई ने न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित किया है। ऐसे में न्यायालय को इस प्रकार की हरकतों को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि भविष्य में किसी अन्य अभियुक्त के द्वारा इसी तरह की हरकतों को करने की हिम्मत न हो।

कुलबीर जीरा ने पहले आम आदमी पार्टी के अमृतपाल सिंह के खिलाफ विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया था, जो कि इस मामले को और अधिक जटिल बनाता है। उनके राजनीतिक रहन-सहन पर इस विवाद का असर पड़ सकता है, और आगे चलकर उनकी राजनीतिक छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

कुल मिलाकर, यह मामला केवल व्यक्तिगत विवाद से अधिक हो गया है और इसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। यदि जीरा को गलत जानकारी देने का दोषी पाया गया, तो यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनेगा कि कैसे न्यायालयों के प्रति ईमानदारी बरतनी चाहिए। सभी की नजरें अब इस मामले की आगामी सुनवाई पर हैं, जहाँ यह तय होगा कि कुलबीर जीरा को किस प्रकार की सजा दी जाएगी।