दिल्ली विधानसभा चुनावों में हार के बाद अमृतसर में वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य आगामी चुनावों में फर्जी वोटिंग पर रोक लगाना है। असिस्टेंट कमिश्नर गुरसिमरनजीत कौर ने इस संदर्भ में अधिकारियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने सभी दलों को निर्देशित किया है कि वे 27 फरवरी तक अपने बूथ लेवल एजेंटों को नियुक्त करें और उनकी सूची उपलब्ध करें। ये एजेंट मतदान केंद्र पर मतदाता सूची की जांच करेंगे ताकि मृतकों के नामों को हटा कर और अन्य कारणों से स्थानान्तरित हुए वोटरों के नामों को सूची से बाहर किया जा सके।
दरअसल, पिछले चुनावों के दौरान जाली वोटिंग के कई मामलों के आरोप सामने आए हैं। इस पृष्ठभूमि में, प्रशासन ने वोटर वेरिफिकेशन का काम समय से शुरू करने का निर्णय लिया है। असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि बूथ लेवल एजेंट 11 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्येक मतदान केंद्र का दौरा करेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी इस भूमिका में काम नहीं कर सके; बूथ लेवल एजेंट का नाम मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
बूथ लेवल एजेंट का दायित्व मतदाता सूची में सुधार के प्रति सुसंगत होगा। ये एजेंट संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर नए मतदाता बनाने, नाम हटाने और संशोधन के लिए आवेदन फाइल करने में लोगों की सहायता करेंगे। इसके लिए, एजेंट को मतदान फॉर्म प्रस्तुत करते समय एक लिखित घोषणा देनी होगी, जिसमें उन्हें यह पुष्टि करनी होगी कि उन्होंने फॉर्म में दिए गए सभी विवरणों की व्यक्तिगत रूप से जांच की है और वे उसके सही होने की पुष्टि करते हैं।
इस विशेष बैठक में कांग्रेस के प्रतिनिधि हरगुरिंदर सिंह गिल, आम आदमी पार्टी के सदस्य सरबजीत सिंह, मुखविंदर सिंह विरदी और अन्य दलों के नेता भी उपस्थित थे। इस बार की चुनावी तैयारियों में लेवल एजेंटों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, ताकि चुनाव के दौरान संभावित अनियमितताओं को रोका जा सके। वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया आम जनता को विश्वास दिलाने के साथ-साथ सच्ची और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने में सहायता करेगा।
प्रशासन की यह पहल दर्शाती है कि वे चुनावी प्रक्रिया को ज्यादा प्रभावी और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आगे की चुनावी गतिविधियों की योजना बनाते हुए यह देखना होगा कि यह प्रक्रिया कितनी सफल होती है और क्या इससे फर्जी वोटिंग पर रोक लगाई जा सकेगी।