पुष्पा 2 से पहले अर्धनारीश्वर सीन से धमाल! संजय मिश्रा बोले- सिनेमा में बंटवारा गलत!

**अध्यात्म और संस्कृति का संगम: ‘द सीक्रेट ऑफ देवकाली’**

हालिया समय में रिलीज़ होने वाली फिल्म ‘द सीक्रेट ऑफ देवकाली’ को लेकर दर्शकों में उत्सुकता बढ़ती जा रही है। इस फिल्म में संजय मिश्रा, प्रोड्यूसर-डायरेक्टर-एक्टर नीरज चौहान और अदाकारा भूमिका गुरुंग ने विशेष रूप से दैनिक भास्कर के साथ अपनी बात साझा की। नीरज चौहान ने बताया कि यह फिल्म एक सपने की तरह है जो कई साल पहले शुरू हुआ और इसकी यात्रा अभी भी जारी है। यह फिल्म एक सत्य घटना पर आधारित है और इसका मुख्य संदेश है जानवरों से प्रेम करना, क्योंकि वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। फिल्म में संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण की भी बात की गई है, जिससे दर्शक एक नई दुनिया में जाएंगे।

संजय मिश्रा ने अपनी एक्टिंग के प्रति जुनून साझा करते हुए कहा कि उन्हें हर किरदार निभाने में आनंद आता है। जब उन्हें इस थ्रिलर फिल्म के बारे में बताया गया, तो उनका रिएक्शन सामान्य था। उन्होंने फिल्म के विषय की अनोखापन को पर जोर दिया और कहा कि इस फिल्म में साउंड का प्रयोग दर्शकों को बांधकर रखने का एक प्रभावी तरीका है। साउंड की भूमिका को समझते हुए, उन्होंने इसे फिल्म की एक महत्वपूर्ण विशेषता माना।

नीरज चौहान ने इस बात पर विचार किया कि उनकी फिल्म ‘द सीक्रेट ऑफ देवकाली’ की कहानी पर वह पिछले आठ साल से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने अर्धनारीश्वर वाले सीन पर तीन महीने तक काम किया, जो उन्होंने फिल्म में एक शक्तिशाली प्रभाव के लिए रखा। उनका कहना था कि जब इस सीन का फिल्मांकन किया गया, तो उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई विराट शक्ति उनके अंदर प्रवेश कर रही थी।

इसके अलावा, संजय मिश्रा ने भारतीय सिनेमा के विभिन्न पहलुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि सिनेमा को विभाजित करने की आवश्यकता नहीं है और हर सिनेमा का एक खास दौर होता है। जब दर्शक थिएटर में जाकर नहीं देखते हैं, तो इसकी वजह टिकट की उच्च कीमत है। इस विषय पर उन्होंने यह भी कहा कि अच्छे लेखकों की कमी नहीं है, क्योंकि सफल वेब सीरीज और फिल्में यह साबित करती हैं कि टैलेंट की कोई कमी नहीं है।

भूमिका गुरुंग ने टीवी उद्योग से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें फिल्मों में बढ़ने के दौरान टीवी टैग के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बहुत से प्रतिभाशाली कलाकार टीवी से आए हैं, और नीरज चौहान जैसे निर्माता हैं जो उनकी प्रतिभा को समझते हैं।

अंत में, नीरज चौहान ने फिल्म के माध्यम से एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हमें प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ करेंगे, तो हमें उसके परिणाम भुगतने होंगे। इस प्रकार, ‘द सीक्रेट ऑफ देवकाली’ सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि यह एक सोचने को मजबूर करने वाला संदेश है।