रायगढ़: चक्रधर समारोह के तीसरे दिन संस्कार भारती महाकौशल प्रांत की टीम द्वारा प्रस्तुत ‘रानी दुर्गावती’ की गाथा से गूंजा मंच

मंचन में रानी दुर्गावती के जन्म से विवाह तक की यात्रा और फिर मुगल साम्राज्य के विरुद्ध उनके शौर्यपूर्ण संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।कलाकारों ने वीरांगना की अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान को भाव-भंगिमाओंभावपूर्ण संवादों नृत्य और संगीत के संगम से इस प्रकार जीवंत कर दिया कि दर्शक भाव-विभोर हो उठे।विशेष रूप से युद्ध के प्रसंग और रानी की वीरता के दृश्य दर्शकों के बीच गहरी छाप छोड़ गए। प्रस्तुति के दौरान हॉल देशभक्ति और गौरव की भावना से गूंज उठा। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

इस प्रस्तुति ने साबित किया कि नृत्य, संगीत और नाट्य का समन्वय किस प्रकार इतिहास की गाथाओं को जीवंत कर सकता है। रानी दुर्गावती की वीरता का मंचन न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि दर्शकों को उनके बलिदान और पराक्रम की याद भी दिलाई।